बेलगाम: हाल ही में विनाशकारी बाढ़ का सामना करने वाली बेलगाम जिले की चीनी मिलों के सामने अब एक बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है। पेराई सीजन आगमन पर है लेकिन चीनी मिलें गन्ने की कमी से जूझ सकती है। रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ ने 1.15 लाख हेक्टेयर पर गन्ने की फसल को नुक्सान पहुंचाया है, जो जिले में 2.5 लाख हेक्टेयर पर खड़े गन्ने का लगभग 45 प्रतिशत है।
ऐसी उम्मीद की जा रही है की गन्ने की कमी के कारण जिले में चीनी मिलें प्रभावित होंगी क्योंकि वे पूरी क्षमता के साथ अपनी मिलें नहीं चला पाएंगे। गन्ने की अनुपलब्धता न केवल चीनी मिलों को बाधित करेगी, बल्कि यह राज्य में चीनी उत्पादन को भी प्रभावित करेगी। गन्ना किसान जो पहले से ही गन्ना बकाया को लेकर आक्रोश में है अब वे सदमे की स्थिति में हैं और अब अपने जीवन को वापस से पटरी पे लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यही हाल महाराष्ट्र में भी है, जहां गन्ने की कमी के कारण कई चीनी मिलें सीजन 2019-20 में भाग नहीं लेंगे। पुणे, सांगली, सतारा, सोलापुर और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ ने गन्ने की फसलों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। महाराष्ट्र में चीनी मिलें पेराई सत्र में देरी करने के लिए कह रही हैं, जिससे पश्चिमी महाराष्ट्र में खड़ी गन्ने की फसल के साथ-साथ सूखा प्रभावित मराठवाड़ा में भी गन्ने को उबरने में समय मिल सके।