कुछ समय में, ट्रॉपिकल बीट भी गन्ना आधारित एथेनॉल के लिए एक दिलचस्प पूरक संसाधन होगा: समीर सोमैया

नई दिल्ली: गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड के सीएमडी समीर सोमैया ने 64वीं आईएसओ (ISO) परिषद में चीनी उद्योग के लिए रणनीतियों और अभिनव दृष्टिकोणों को साझा करते हुए ‘विविधीकरण के माध्यम से स्थिरता’ पर सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में मंच संभाला। एथेनॉल मिश्रण पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, पांच या छह साल पहले जब हम शायद 2 प्रतिशत की सीमा में काम कर रहे थे, तब हमारे 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य को लेकर दुनिया ने सोचा कि यह पागलपन है और लक्ष्य निश्चित रूप से संभव नहीं है।लेकिन एक महीने पहले हमने 15 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, अब दुनिया हैरान है।हम इस 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य यात्रा का हिस्सा बनकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने स्पष्ट किया है कि, 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आधा हिस्सा गन्ने से और आधा अनाज से आएगा।

विविधीकरण- फीडस्टॉक और उत्पादन पर जोर देते हुए गोदावरी के सीएमडी सोमैया ने कहा, गन्ना क्षेत्र में कम से कम अब कई मिलें जो कर रही हैं, हम बोल्ट-इन मिलें बना रहे हैं, जिसका मतलब है कि हम उन्हीं मिलों में अनाज का भी इस्तेमाल करेंगे, जहां हम गन्ना इस्तेमाल करते हैं।संचालन की स्वतंत्रता के संदर्भ में हमारे पास कई विकल्प हैं। मुझे लगता है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, अन्य फसलें भी होंगी, जिन पर हम काम कर सकते हैं ।मुझे लगता है कि मीठी ज्वार पर भी काम किया जाएगा। मेरी अपनी कंपनी भी ट्रॉपिकल शुगर बीट पर काम कर रही है।

‘गोदावरी’ के सीएमडी सोमैया ने कहा, मुझे लगता है कि पंजाब में एक मिल ट्रॉपिकल बीट पर बहुत अच्छा काम कर रहा है। लेकिन मुझे यह भी लगता है कि कुछ समय में ट्रॉपिकल बीट भी गन्ना आधारित एथेनॉल के लिए एक दिलचस्प पूरक संसाधन होगा। समीर सोमैया ने आगे कहा की, नवीकरणीय ऊर्जा हमारी पेट्रोल की सभी जरूरतों को पूरा कर सकती है।भारत 25 से 27 जून, 2024 तक नई दिल्ली में चीनी क्षेत्र में एक वैश्विक कार्यक्रम आईएसओ परिषद की मेजबानी कर रहा है।इस परिषद में 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि चीनी और जैव ईंधन क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए शामिल हुए हैं।

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