गन्ना श्रमिकों के रैली की अनुमति रद्द…

सूरत: चीनी मंडी

मजूर अधिकार मंच ने स्थानीय प्रशासन द्वारा बारदोली चीनी मिल के सामने बैठक रैली की अनुमति रद्द करने के बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया। दक्षिण गुजरात के गन्ना श्रमिक 28 फरवरी से वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। गन्ना श्रमिक, जिनमें से अधिकांश आदिवासी हैं, उन्होंने गुजरात में मजूर अधिकार मंच के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। रैली की अनुमति रद्द करने के लिए मजूर अधिकार मंच ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को दोष दिया। मजूर अधिकार मंच के सचिव जयेश गामित ने कहा कि, हमने शनिवार को बारदोली चीनी मिल के सामने बैठक करने और रैली की योजना बनाई थी, और इसके लिए हमें 27 फरवरी को बारडोली के कार्यकारी उप मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमति दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया की स्थानीय प्रशासन ने मिलर्स के दबाव में रैली की अनुमति रद्द कर दी।

गामित ने कहा, एक टन गन्ना काटने के लिए दो मजदूरों को 14 घंटे लगते हैं, और यह एक कठिन काम है। इसीलिए गन्ना श्रमिकों को 210 रुपये प्रति टन से लेकर 400 रुपये प्रति टन की दर से मजदूरी में बढ़ोतरी करने की मांग की गई है। दक्षिण गुजरात में लगभग 13 चीनी मिलें हैं, इसमें लगभग 30 प्रतिशत श्रमिक ज्यादातर आदिवासी है। स्थानीय प्रशासन ने चीनी मिल के प्रबंधन द्वारा उन पर लाए गए भारी दबाव के कारण रैली अनुमति रद्द कर दी। उन्होंने यह भी कहा की, मिलर्स के बीच इस बात का डर है कि, आंदोलन की यह आग पूरे राज्य में फैल सकती है। यूनियन नेताओं ने दावा किया कि, उन्हें कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और आंदोलन स्थगित करने के लिए कहा गया है।

मजूर अधिकार मंच ने कहा, मौजूदा आतंक के माहौल को देखते हुए, हमने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है।

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