मुंबई: महाराष्ट्र में अटके गन्ना कटाई मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है। महाराष्ट्र सरकार ने एक लाख से अधिक प्रवासी गन्ना कटाई मजदूरों को अपने पैतृक गांवों में लौटने की अनुमति देने का फैसला किया है। लेकिन इससे पहले उन्हें मेडिकल टेस्ट करवाना होगा।
इसकी जानकारी मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने ट्विटर पर भी शेयर की। मुंडे ने ट्वीट में कहा, “मेरे गन्ना कटाई मजदूर भाइयों के लिए खुशखबरी! आप अभी अपने घर (गाँव) लौट सकते हैं। सरकार ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के भीतर घर वापस लौटें। अपना ख्याल रखें और आपके गाँवों का भी ख्याल रखें। जब आप वहाँ लौटेंगे तो घरों के अंदर ही रहें।
उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा जारी परिपत्र भी साझा किया। गन्ना कटाई मजदूरों को अलग अलग चरणों में भेजा जाएगा।
माझ्या ऊसतोड बांधवांसाठी खुशखबर!
तुमचा स्वगृही परतण्याचा मार्ग आता खुला झाला आहे. शासनाने यासंबंधी आदेश निर्गमित केला आहे. शासनाने घालून दिलेल्या नियमाच्या अधीन राहून घरी परता. स्वतःच्या आरोग्याची त्याचबरोबर आपल्या गावाचीही काळजी घ्या. स्वगृही परतल्यावर कुटुंबासह घरातच रहा. pic.twitter.com/Vg4sjrULOs
— Dhananjay Munde (@dhananjay_munde) April 17, 2020
चीनी मिलों का संचालन करने वालों को श्रमिकों और उनके परिजनों का टेस्टिंग और प्रमाणित कराना होगा, और अधिकारियों सहित ग्राम पंचायतों को सूचित करना होगा, और फिर उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अपेक्षित अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके साथ ही उनके खाने और पानी पिने की व्यवस्था मिलों द्वारा किये जाने का आदेश दिया गया है।
Maharashtra Government allows over 1 lakh migrant sugarcane workers to go back to their villages after a medical checkup, amid coronavirus lockdown. All the arrangements for their travel and food etc to be done by the sugar factory owners.
— ANI (@ANI) April 17, 2020
मुंडे के साथ साथ महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने भी इसकी जानकारी ट्विटर पर साझा करी। इससे पहले लॉकडाउन 14 अप्रैल को खतम होना था लेकिन कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया है।
ऊसतोडणी मजुरांना एक विशेष बाब म्हणुन काही अटींच्यावर आपल्या जिल्ह्यात परतीचा प्रवास करण्यास शासनाने मान्यता दिली आहे. गेले अनेक दिवस हि मागणी होती. ऊस तोडणी मजुरांची राज्यभरातील संख्या एक लाख पंचवीस हजारपेक्षा आहे. pic.twitter.com/91pFWeGqzx
— Jayant Patil (@Jayant_R_Patil) April 17, 2020