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नई दिल्ली: देश में चीनी उद्योग अधिशेष चीनी की समस्या से त्रस्त है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है की सरकार के एक मुहीम से चीनी उद्योग को अधिशेष की समस्या से थोड़ी राहत मिलेगी। सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से अतिरिक्त 16.3 करोड़ गरीब परिवारों को एक किलो चीनी रियायती दर पर मुहैया कराने की योजना बना रही है, जिसकी लागत सरकार को 4,727 करोड़ रुपये पड़ेगी।
खबरों के अनुसार, नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में, खाद्य मंत्रालय द्वारा अनुदानित दर पर चीनी उपलब्ध कराने की योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी, लेकिन इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
आपको बता दे वर्तमान में, केवल अंत्योदय अन्न योजना के तहत केवल 2.5 करोड़ अंत्योदय परिवारों (गरीबों में गरीब) को पीडीएस के माध्यम से सब्सिडी वाली चीनी मिलती है।
विशेषज्ञों के अनुसार यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो यह दोहरे उद्देश्य से काम करेगा, पहले गरीब परिवारों को बाजार दर की तुलना में कम दर पर चीनी मिलेगी और दूसरा यह चीनी के ढेर को कम करने में कई हद तक मदद करेगा।
घरेलू बाजार में अधिशेष के कारण इस साल चीनी की कीमतें कमजोर बनी हुई हैं। देश की चीनी मिलें दावा करती आ रही है की चीनी के अत्यधिक उत्पादन और चीनी की कीमतों में गिरावट के कारण वे गन्ना किसानों को बकाया भुगतान करने में विफल रहे।
ISMA, का अनुमान है कि देश के लिए चालू वर्ष में चीनी उत्पादन 33 MMT, पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 5,00,000 टन से अधिक हो सकता है।