इकबालपुर चीनी मिल के पेराई सत्र पर ‘सस्पेंस’

हरिद्वार: उत्तरांचल में मिलों ने चीनी सीझन की तैयारी शुरू की है, लेकिन इकबालपुर चीनी मिल के पेराई सत्र को लेकर अभी भी ‘सस्पेंस’ बना हुआ हैं। प्रदेश की लक्सर चीनी मिल चार नवंबर को और लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने दस नवंबर को पेराई सत्र शुरू करने का एलान किया है। बकाया भुगतान में विफ़ल रहने के कारण किसानों ने इस बार चीनी मिल को गन्ना देने से इंकार किया हैं। मिल प्रबंधन ऋण मिलने के बाद ही पेराई सत्र शुरू करने की बात कर रहा है। ऋण का मामला पिछले आठ माह से अटका हुआ है। इस समय किसानों को गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुआई करनी है, इसीलिए किसान बेसब्री के साथ चीनी मिल के चलने का इंतजार कर रहे हैं। इकबालपुर चीनी मिल क्षेत्र के 34 गांव के किसानों ने तो गन्ना विभाग को अपना प्रस्ताव दे दिया है कि वह इकबालपुर चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति नहीं करेंगे। गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि, पेराई सत्र शुरू करने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। इकबालपुर मिल पेराई करेगी या नही, यह फ़िलहाल कोई भी नही बता सकता।

कबालपुर चीनी मिल एक तरफ आर्थिक तंगी से जूझ रही है और दूसरी ओर गन्ना बकाया चुकाने से परेशान है। दिनों दिन इकबालपुर चीनी मिल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। चीनी मिल क्षेत्र के गन्ना किसान बौखलाए हुए है, क्यूंकि उन्हें अब तक मिल द्वारा गन्ना बकाया भुगतान नहीं चुकाया गया है। मिल की इतनी हालत ख़राब है की उनकी नीलामी की चीनी भी नहीं बिक रही है। चीनी मिल की ओर से दो साल से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया है। बकाया को लेकर किसानों ने कई बार आंदोलन किया, फिर भी उन्हें भुगतान करने में चीनी मिल प्रशासन विफ़ल रहा है।

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