कोल्हापुर : स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रो डॉ जालंधर पाटिल के नेतृत्व में सोमवार को यहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात की और उनसे अलमट्टी बांध की ऊंचाई बढ़ाने के अपने फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा की, ऊंचाई बढ़ाने से महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिले में बाढ़ आ सकती है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बोम्मई को सूचित किया कि, कर्नाटक सरकार के अलमट्टी बांध की ऊंचाई 519.66 मीटर से बढ़ाकर 524 मीटर करने का निर्णय न केवल पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों को बुरी तरह प्रभावित करेगा बल्कि दोनों जिलों का बड़ा हिस्सा स्थायी रूप से पानी में डूब सकता हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बोम्मई को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा, जो जिले की करवीर तहसील के गांव कनेरी में श्री काडसिद्धेश्वर मठ में संत समावेश सम्मेलन का उद्घाटन करने आए थे।
स्थिति की गंभीरता बताते हुए, डॉ पाटिल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई को बताया कि, पिछले कुछ वर्षों से अलमट्टी बांध से सटे गांव और कृष्णा नदी के किनारे महाराष्ट्र में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण कृषि भूमि और खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। साथ ही, बाढ़ के कारण दोनों जिलों में उद्योग और पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुए है। उन्होंने कहा कि, उक्त बांध की ऊंचाई बढ़ाने के बाद, कर्नाटक सरकार को भी बारिश के मौसम में बांध के अतिरिक्त पानी के निर्वहन में समस्या का सामना करना पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बोम्मई से अनुरोध किया की, बांध की बढ़ी हुई ऊंचाई से उत्पन्न खतरे को देखते हुए, कर्नाटक सरकार को बांध की ऊंचाई को और बढ़ाने के अपने फैसले को तुरंत रद्द कर देना चाहिए।
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी की अगर यह फैसला पीछे नहीं लिया तो स्वाभिमानी संगठन इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करेंगे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने यह भी मांग की कि कर्नाटक सरकार को कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा पर विवादित क्षेत्रों के गन्ना किसानों को एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) पर 200 रुपये और देना चाहिए, जो कर्नाटक में चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं।