सातारा: गन्ने की पेराई के 14 दिनों के भीतर चीनी मिलों को एफआरपी का भुगतान करना कानून द्वारा अनिवार्य है। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के नेता, पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने एकमुश्त एफआरपी भुगतान की मांग पर डटे है। हालांकि, चीनी मिलों को भी वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उनके सामने चीनी अधिशेष की समस्या बनी हुई है। चीनी निर्यात नीति की घोसणा में देरी के कारण मिलों के सामने राजस्व की समस्या बनी हुई है। नतीजन, चीनी मिलों के सामने एफआरपी भुगतान की समस्या खड़ी हुई है।
चीनी उद्योग पिछलें कुछ वर्षों से वितीय कठिनाईयों में है। कोरोना वायरस महामारी, ठप निर्यात और बिक्री में गिरावट के कारण कई मिलें एकमुश्त एफआरपी भुगतान करने में नाकाम साबित हुई है। वही दूसरी ओर स्वाभिमानी शेतकरी संघठन ने एकमुश्त एफआरपी की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसानों का कहना है की समय पर भुगतान नहीं मिलने से उनके सामने भी आर्थिक समस्या बनी हुई है।