नासिक: पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव ने वाणिज्य मंत्रालय से देश में शुल्क मुक्त मक्का आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया है।लेकिन स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने केंद्र सरकार के मक्का आयात प्रस्ताव को विरोध किया है।संगठन ने दावा किया की, खरीफ सीजन का मक्का अगले महीने बाज़ार में आ जाएगा, इसलिए अगर मक्के का आयात किया गया तो स्थानीय मक्का उत्पादक किसानों को कम कीमतों के चलते नुकसान होगा। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक राजू शेट्टी ने मांग की है कि, मक्का आयात का फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। इस संबंध में शेट्टी ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है।
इस संबंध में शेट्टी का कहना है कि, इस साल मानसून अच्छा रहने से किसानों को मक्के का अधिक उत्पादन मिलेगा।मौजूदा हालात में मक्के का आयात करने की जरूरत नहीं है। आयात होने पर मक्का किसानों को परेशानी होगी। अगर केंद्र इस फैसले को लागू करता है, तो दिक्कतें पैदा होने की आशंका है। घरेलू स्तर पर मक्का कम कीमत पर बिकता है।किसान इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की मांग कर रहे है। बिना आयात शुल्क के मक्के के आयात से देश में मक्के की कीमतों में और गिरावट आएगी और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, विदर्भ के किसानों पर असर पड़ेगा। फिलहाल मक्के का आयात करने की जरूरत नहीं है। शेट्टी ने आरोप लगाया कि, पोल्ट्री उत्पादकों के दबाव के कारण यह निर्णय लिया गया।
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