स्वाभिमानी शेतकरी संघठन की मांग; 28 जनवरी से ‘हल्लाबोल’ आंदोलन करने की चेतावनी
पुणे : चीनी मंडी
स्वाभिमानी शेतकरी संघठन ने कहा है की, महाराष्ट्र की चीनी मिलें किसानों को एकमुश्त एफआरपी देने से इन्कार कर रही है, इससे राज्य में गन्ना किसान गुस्से में है। चीनी मिलें अगर एकमुश्त एफआरपी नही दे सकती तो फिर पैसों की जगह केंद्र सरकार द्वारा तय की प्रति क्विंटल 2900 रूपये न्यूनतम बिक्री कीमत के हिसाब से मिलों द्वारा किसानों को चीनी दे देनी चाहिए ।
तीन महीने हो गये 2018- 2019 का चीनी सीज़न शुरू होकर लेकिन राज्य में कई चीनी मिलों ने किसानों का भुगतान नही किया है । चीनी की कीमतों में गिरावट और सरकार की मदद के बिना किसानों को एकमुश्त एफआरपी देना मिलों द्वारा मुश्किल बताया जा रहा है । मिलों की इस रवैय्ये से स्वाभिमानी शेतकरी संघठन में आक्रामक हो गई है, संघठन ने राज्य में सरकार और मिलों के खिलाफ आन्दोलन शुरू कर दिया है। एकमुश्त एफआरपी की मांग को लेकर संघठन ने २८ जनवरी को ‘हल्लाबोल’ आन्दोलन करने की चेतावनी दी है । संघठन द्वारा पिछले हप्ते एकमुश्त एफआरपी की मांग को लेकर राज्य चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड के साथ भी बैठक की थी।