धान फसलों के लिए सिनजेन्टा, FMC एशिया में नई खर-पतवारनाशक तकनीक बाजार में लाएगी

सिनजेन्टा और FMC कॉरपोरेशन ने बुधवार को खर-पतवारनाशक तकनीक को बाजार में लाने के लिए समझौते की घोषणा की साथ ही बताया की इसका उद्देश्य एशिया में चावल की फसलों में घास जैसे खर पतवारों को नियंत्रण में करने का होगा।

सिनजेन्टा के मदद से एफएमसी द्वारा खोजे और विकसित सक्रिय रसायन ‘टेटफ्लूपायरोलिमेट’ को धान की फसलों में प्रयोग किया जा सकेगा। सिनजेन्टा द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, समझौते के तहत सिंजेंटा और एफएमसी दोनों एशिया के प्रमुख चावल बाजारों में टेटफ्लुपीरोलिमेट-आधारित उत्पाद लाएंगे और यह भी बताया गया की यह तीन दशकों से भी अधिक समय में क्रिया के एक नए तरीके (DHODH-HRAC Group 28) के साथ पहला प्रमुख शाकनाशी है, जो इससे प्रभावित किसानों को राहत देने का वादा करता है।

उपज और गुणवत्ता

टेटफ्लुपीरोलिमेट सबसे महत्वपूर्ण घास खरपतवार है जो की चावल के उत्पादन की उपज और गुणवत्ता को बढ़ाता है। साथ ही यह पानी, उर्वरक,लाइट, स्थान और मेजबान कीट, और चावल की खेती को प्रभावित करने वाली बीमारियों से लड़ने की शमता रखता है।

समझौते के तहत, सिनजेन्टा भारत, वियतनाम और इंडोनेशिया के साथ-साथ जापान और दक्षिण कोरिया में चावल के लिए टेटफ्लुपीरोलिमेट के मिश्रण वाले उत्पादों का व्यावसायीकरण करेगा। FMC चीन को छोड़कर इन सभी देशों में टेटफ्लुपीरोलिमेट और उत्पादों की एक श्रृंखला का पंजीकरण और व्यावसायीकरण करेगा, जहाँ यह चावल के मिश्रण पर ध्यान केंद्रित करेगा।

टेटफ्लुपीरोलिमेट का एक और लाभ यह है कि इसका उपयोग अच्छी फसल सुरक्षा के साथ कम दरों पर किया जा सकता है। साथ ही सिनजेन्टा क्रॉप प्रोटेक्शन में मार्केटिंग के वैश्विक प्रमुख इओना ट्यूडर ने कहा, नया उत्पादन चावल के लाखों किसानों के लिए बदलावकारी कदम साबित होगा। हम वैश्विक चावल उत्पादन की स्थिरता को बढ़ाने के लिए इस नई तकनीक की क्षमता से उत्साहित हैं।

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