तमिलनाडु: बकाया राशि को लेकर चल रहा है थिरु अरूरन चीनी मिल के किसानों का आंदोलन

तिरुची: थिरुमंगुडी थिरु अरूरन चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसानों का अनिश्चितकालीन धरना रविवार को 690वें दिन पहुंच गया। वे मिल के अधिकारियों द्वारा 157 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान में मुख्यमंत्री स्टालिन के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि, वे पिछले 690 दिनों से धरना दे रहे हैं और उन्होंने बताया कि थिरु अरूरन चीनी मिल ने किसानों की जानकारी के बिना उनके नाम पर 115 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया है।

उन्होंने मांग की कि, सरकार किसानों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए थिरु अरूरन चीनी मिल को अपने नियंत्रण में ले। तमिलनाडु गन्ना किसान संघ के राज्य महासचिव टी रविंद्रन ने कहा, हम पिछले 690 दिनों से चीनी मिल के सामने धरना दे रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मुद्दों को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हमारा विरोध जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि, 2,000 करोड़ रुपये की कीमत वाली थिरु अरूरन चीनी मिल को मामूली रकम में काल्स डिस्टिलरीज को सौंप दिया गया।

उन्होंने कहा कि, तंजावुर जिला प्रशासन द्वारा काल्स डिस्टिलरीज को किसानों को 157 करोड़ रुपये का बकाया वापस करने के लिए नोटिस भेजे जाने के बावजूद, फैक्ट्री ने फंड का निपटान करने से इनकार कर दिया और सिर्फ 45 करोड़ रुपये का भुगतान करने का वादा किया, जिसे किसानों ने अस्वीकार कर दिया। किसानों ने पूरा बकाया पाने के लिए अनिश्चितकालीन विरोध शुरू किया, लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी किसानों से नहीं मिला। उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री स्टालिन तुरंत इस मुद्दे में हस्तक्षेप करें और हमारी समस्याओं का समाधान करें। रवींद्रन ने आरोप लगाया कि, मिल प्रशासन के कुप्रबंधन ने हर उस किसान को भारी नुकसान पहुंचाया है जो अपनी आजीविका के लिए मिल पर निर्भर थे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, सरकार को लोगों, खासकर कृषक समुदाय के लिए काम करना चाहिए। राज्य सरकार की असामान्य चुप्पी से और अधिक आंदोलन होगा।

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