मदुरै : अलंगानल्लूर में राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल में निजी चीनी मिलों से गन्ना पंजीकरण का विरोध करते हुए किसानों ने कलेक्टर एम.एस. संगीता से पंजीकरण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। शुक्रवार को यहां किसानों की शिकायत निवारण बैठक में तमिलनाडु गन्ना किसान संघ के राज्य अध्यक्ष एन. पलानीसामी ने कहा कि, शिवगंगा और थेनी की निजी चीनी मिलों को अलंगनल्लूर सहकारी मिल में गन्ना पंजीकरण करने का अधिकार नहीं है, जो पहले से ही बंद है।जबकि मदुरै में किसानों को प्रसंस्करण के लिए अपने गन्ने को पंजीकृत करने की अनुमति नहीं है, निजी मिलों के लिए अपने गन्ने को वहां पंजीकृत करना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि, इससे संदेह पैदा होता है कि सहकारी चीनी मिल को बीमार बनाने के लिए निजी मिलों द्वारा यह कदम उठाया गया है।सुश्री संगीता ने कहा कि, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। लेकिन इस पर निर्णय लेने के लिए संबंधित अधिनियमों की जांच की जाएगी।चूंकि बीमा कंपनियों ने गर्मियों में उगाई गई फसलों के लिए मुआवजे के दावों को खारिज कर दिया है, इसलिए किसान इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि अगले सीजन के लिए क्या करें। श्री रमन ने कहा कि उनके नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को कम से कम ₹25,000 प्रति एकड़ का न्यूनतम मुआवजा दिया जाना चाहिए।