धर्मपुरी : जिले के गन्ना किसानों को मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई किसानों ने कहा कि, मजदूरों की कमी के कारण उन्हें गन्ना काटने में देरी होगी, जिससे रस की गुणवत्ता कम होगी, जिसका सीधा असर उनकी आय पर होगा। जिले में गन्ने की खेती पहले से ही कम हो रही है। 2011 में 7,000 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती थी, लेकिन अब यह घटकर लगभग 3000 हेक्टेयर रह गई है। बारिश और श्रमिकों की कमी के चलते जिले में गन्ने का रकबा लगातार घट रहा हैं।
द न्यू इंडियन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों ने कहा की, लंबे समय के बाद, पिछले दो वर्षों में बारिश पर्याप्त थी, जिसने हमें गन्ने की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन अब गन्ना कटाई के लिए श्रमिक जादा पैसों की मांग कर रहे है, इसलिए कई किसानों ने अभी तक गन्ना नहीं काटा है। अब कुछ बेंत फूलने लगे हैं, जिससे पेराई के समय उपज कम होगी। वर्तमान में, किसानों को मिलों से 3,000 रुपये प्रति टन से थोड़ा अधिक मिलता है। लेकिन जब परिवहन और मजदूरों का शुल्क इसमें से दिया जाता है, तो किसानों के हातों में कुछ नही बचता है। यह भी एक कारण है कि धर्मपुरी में गन्ने की खेती कम हो रही हैं। कई किसान पालकोड में सहकारी चीनी मिल के खुलने का इंतजार कर रहे हैं।