चेन्नई: भारत के कई राज्यों में एथेनॉल उतपदं को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसे सफल बनाने के लिए राज्य भी निति बना रहे है। अब इस क्रम में तमिलनाडु का भी नाम जुड़ चूका है। तमिलनाडु में भी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है।
तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की कि, ग्रीन और ब्लू हाइड्रोजन और एथेनॉल (Ethanol Policy) के लिए नीतियां बनाई जाएंगी। यह जीवाश्म ईंधन से भविष्य के ईंधन में परिवर्तन के लिए केंद्र सरकार की पहल के अनुरूप है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकारी अधिकारी ने कहा कि, उद्योग विभाग ग्रीन हाइड्रोजन पर एक नीति का मसौदा तैयार करेगा क्योंकि तमिलनाडु को निवेश के लिए कई प्रस्ताव मिल रहे हैं। आगामी नीति ग्रीन हाइड्रोजन पर कुछ स्पष्टता देगी। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन नीति का लक्ष्य 2030 तक पांच मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन हासिल करना है। ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन गैस है।
इसी तरह, स्थानीय स्तर पर एथेनॉल का उत्पादन करने और इसे पेट्रोलियम निर्माण कंपनियों को बेचने के लिए एथेनॉल नीति का भी मसौदा तैयार किया जा रहा है। नई एथेनॉल नीति जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति की केंद्र की अधिसूचना के अनुरूप है, जिसमें एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत 2025 तक पेट्रोल में एथेनॉल के 20% मिश्रण का एक सांकेतिक लक्ष्य रखा गया है।