त्रिची, तमिलनाडु: उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की तरह गन्ना भुगतान का मुद्दा तमिलनाडु में भी गरमाया हुआ है और सरकार का कहना है की इसे सुलझाने के लिए कदम उठाये जाएंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम आर के पन्नीरसेल्वम ने आपूर्ति के लिए किसानों को निजी चीनी मिलों द्वारा बकाया भुगतान न करने के मुद्दे को सुलझाने का वादा किया। उन्होंने कहा, कृषि बजट के बाद, मैं इसे मुख्यमंत्री के साथ उठाऊंगा और इस मुद्दे को हल करने के लिए त्रिपक्षीय बैठक की व्यवस्था करूंगा।
उन्होंने कहा, DMK सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य के किसान आत्मनिर्भर हो जाएंगे। 14 अगस्त को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा पेश किए जाने वाले पहले कृषि बजट में अगले दस वर्षों के लिए विशेषताएं होंगी। उन्होंने रविवार को चेन्नई में पहली बार कृषि बजट के संबंध में किसान संघों के नेताओं और अधिकारियों के साथ एक परामर्श बैठक बुलाने के बाद संवाददाताओं से कहा की, मुख्यमंत्री स्टालिन सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर एक अलग कृषि बजट के अपने चुनावी वादे को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, किसान आजादी के बाद से अलग कृषि बजट की मांग कर रहे हैं। अब DMK सरकार इसे हकीकत बना रही है। उन्होंने कहा कि, वह पहले ही 18 जिलों का दौरा कर चुके हैं और किसानों से सुझाव प्राप्त कर चुके हैं।
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