कोइम्बतुर : राज्यसभा सांसद के.आर.एन. राजेशकुमार ने कहा की, मोहनूर स्थित सलेम सहकारी चीनी मिल लिमिटेड ने चालू पेराई सीजन 2024-25 के दौरान एक लाख टन गन्ने की पेराई करने की योजना बनाई है। जिला कलेक्टर एस. उमा की मौजूदगी में पेराई कार्यों का उद्घाटन करते हुए सांसद ने बताया कि जिले भर में 2,449 एकड़ में गन्ने की खेती की जाती है, जिसमें किसान मिल में पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा, यदि प्रति एकड़ औसत उपज 36.75 टन है, तो कुल उत्पादन 90,000 टन होगा।
सांसद के.आर.एन. राजेशकुमार ने यह भी बताया कि, गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के अनुसार, मिल के अधिकार क्षेत्र में आने वाले लेकिन किसानों द्वारा पंजीकृत नहीं किए गए क्षेत्रों में उगाए जाने वाले गन्ने की मात्रा लगभग 10,000 टन है। उन्होंने कहा, इस सीजन में कुल एक लाख टन गन्ने की पेराई की योजना बनाई गई है। राजेशकुमार ने आगे बताया कि, 2023-24 के दौरान 1.65 लाख टन गन्ने की पेराई की गई और किसानों को एक ही किस्त में 48.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 2023-24 पेराई सत्र के लिए किसानों को 215 रुपये प्रति टन का विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) तय किया है, जिसका भुगतान उत्पादकों को किया जाएगा।
सांसद ने किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सीधे मिल में पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई गन्ना किस्मों की खेती करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हाल ही में नमक्कल की अपनी यात्रा के दौरान मिल में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक परियोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा, जल्द ही सरकार को 8 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना सौंपी जाएगी।