तमिलनाडु: राज्य सरकार की एथेनॉल नीति चीनी उद्योग के लिए फायदेमंद

चेनई: तमिलनाडु आखिरकार एक ऐसी नीति लेकर आया है, जो किसानों और चीनी मिलों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। तमिलनाडु एथेनॉल सम्मिश्रण नीति 2023 का प्राथमिक लक्ष्य मोलासेस/अनाज आधारित एथेनॉल उत्पादन के लिए 5,000 करोड़ रूपये के निवेश को आकर्षित करना और राज्य को 130 करोड़ लीटर की अनुमानित वार्षिक आवश्यकता को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाना है।

दुनिया भर में, चीनी उद्योग का भविष्य एथेनॉल में निहित है। दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक ब्राजील में, केवल 40-45% गन्ना चीनी उत्पादन में जाता है। आधी फसल सीधे एथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है। लगभग 20 वर्षों की बातचीत और 5-6 वर्षों के वास्तविक प्रयास के बाद, भारत ने 10% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है और 2025 तक इसे 20% तक ले जाने के लिए तैयार है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पैनल, सीआईआई के संयोजक और ईआईडी पैरी (इंडिया) लिमिटेड के एमडी श्रीनिवासन सुरेश के अनुसार, ‘तमिलनाडु एथेनॉल सम्मिश्रण नीति 2023’ के तहत अनाज सहित कई फीडस्टॉक्स का एथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल होगा , जिससे डिस्टिलरीज की बेहतर क्षमता का उपयोग होगा। यह नीति किसानों के लिए एक अच्छे आय का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा, यह काफी व्यापक और समग्र नीति है और कराधान और लाइसेंस पर बहुत अधिक स्पष्टता लाती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here