कोयंबटूर: तमिलनाडु की चीनी मिलों में गन्ने का अभाव हो गया है। गन्ने का उत्पादन कम होने से यहां की 10 से ज्यादा चीनी मिलें बंद हो गई हैं। गन्ने का रकबा पिछले पांच वर्षों में आधे से ज्यादा घटकर 2018-19 में 1.16 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि 2014-15 में यह 2.63 लाख हेक्टेयर था।
इस अवधि में तमिलनाडु का गन्ने का उत्पादन 59.2 प्रतिशत घटकर 114.72 टन (280.93 लाख टन) और चीनी उत्पादन 47 प्रतिशत घटकर 6.59 लाख टन (12.50 लाख टन) हो गया। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक केएस सुब्रमण्यन ने कहा कि गन्ने की कमी के कारण 10 से अधिक चीनी मिलों को मिलें बंद करनी पड़ी है।
श्री सुब्रमण्यन ने कहा कि गन्ने की कमी के अनेक कारण हैं। गन्ना किसानों की कमी, सूखा. गन्ना किसानों का भुगतान बकाया और प्रशासनिक खामियां आदि इनमें कुछेक प्रमुख कारण थे। सुब्रमणियम ने कहा कि रेड रोट, स्मट और येलो लीफ डिजीज की भी रोकथाम करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 2019 में G 2005047 गन्ने की किस्म जारी की। नई रिलीज से गन्ने की पैदावार काफी लोकप्रिय रही और उत्पादन 140 टन प्रति हेक्टर अधिक हुआ। इस बीच, गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया और पानी की कमी का शोध संस्थानों अन्य विकल्प तलाशने लगे हैं।
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