तिरुची: मंत्री महेश महेश पोय्यामोझी की अध्यक्षता में शुक्रवार को त्रिपक्षीय बैठक हुई, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकल पाया। जहां किसान बकाया भुगतान और मिल द्वारा किसानों के नाम पर लिए गए ऋण की अदायगी की मांग पर अड़े रहे, वहीं मिल प्रशासन ने कहा कि वे कुल बकाया का 57 प्रतिशत भुगतान कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीन घंटे तक चली इस बैठक में किसान संघ पदाधिकारी, निर्वाचित प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और मिल के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद गन्ना किसानों ने घोषणा की कि, तंजावुर तिरुमंदनगुडी चीनी मिल से बकाया की मांग को लेकर उनका विरोध जारी रहेगा।हालांकि, मंत्री, सांसद, जिला कलेक्टर दीपक जैकब और किसान प्रतिनिधियों ने मिल के अधिकारियों से पूरी लंबित राशि का निपटान करने पर जोर दिया। इसके बाद मिल के अधिकारियों ने 10 दिनों के भीतर 75 फीसदी बकाया चुकाने का वादा किया।
DTNext में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पूरे क्षेत्र के किसानों ने अपना गन्ना पापनासम के पास थिरुमनगुडी में थिरु अरूरन चीनी मिल में पेराई के लिए भेजा था। लेकिन, मिल प्रशासन 2016 और 2018 के बीच की अवधि के लिए धन का वितरण करने में विफल रहा। मिल प्रशासन ने गन्ने के लिए कोई मूल्य भी तय नहीं किया था। इसके अलावा, मिल ने किसानों को सूचित किए बिना उनके नाम पर 300 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया था और ऋण चुकाने में विफल रही, जिसके कारण बैंक अधिकारियों को पुनर्भुगतान के लिए संबंधित किसानों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद मिल प्रशासन ने भारी नुकसान के कारण मिल को बंद करने का फैसला किया। बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन को 350 दिन से ज्यादा हो चुके है।