तिरुचिरापल्ली : हाल के कृषि बजट में बंद पड़ी इकाई पर राज्य सरकार द्वारा किसी औपचारिक घोषणा के अभाव में मयिलादुथुराई जिले में स्थित NPKRR सहकारी चीनी मिल के पुनरुद्धार को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने 2024-25 का कृषि बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा कि, राज्य में 13 सहकारी, दो सार्वजनिक और 15 निजी चीनी मिलें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार चीनी मिलों की दक्षता में सुधार के लिए वेट ब्रिज, हाइड्रोलिक टिपलर, गन्ना यार्ड और मशीनरी के आधुनिकीकरण के लिए एक योजना शुरू करेगी।
हालांकि, मयिलादुथुराई जिले के थलाइनायर में NPKRR चीनी मिल के बहुप्रतीक्षित पुनरुद्धार पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई। पिछले साल, मंत्री ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार चीनी मिल को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाएगी। चीनी मिल के संचालन को पुनर्जीवित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए चीनी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था, जहां उत्पादन प्रक्रिया में तकनीकी मुद्दों के कारण 2016 में पेराई बंद कर दी गई थी। तब से, मयिलादुथुराई जिले के गन्ना उत्पादक अपनी उपज कुड्डालोर और तंजावुर जिलों की चीनी मिलों को बेच रहे हैं।
विशेषज्ञ समिति के सदस्यों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पिछले साल फरवरी में चीनी मिल का निरीक्षण किया था और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया कि, इस बात की प्रबल संभावना है कि चीनी मिल को पुनर्जीवित किया जाएगा। गन्ना उत्पादक और किसान संगठन, जो लगातार चीनी मिल के पुनरुद्धार की मांग कर रहे हैं, राज्य सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट चीनी विभाग के विचाराधीन है। जांच के बाद राज्य सरकार अपना फैसला सुना सकती है।