चेन्नई : पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने राज्य और केंद्र सरकार से खेती को लाभदायक बनाने के लिए खरीद मूल्य बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया की, गन्ने का खरीद मूल्य खेती की लागत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान चीनी की रिकवरी के आधार पर कीमतें तय की गई हैं। 9.50 प्रतिशत चीनी रिकवरी के लिए 2,919 रुपये कीमत तय की गई है, चूंकि तमिलनाडु में उगाए जाने वाले गन्ने में आमतौर पर 9.50 प्रतिशत चीनी रिकवरी होती है, इसलिए उन्हें केवल 2,919 रुपये प्रति टन मिलेंगे। उन्होंने कहा कि, पिछले साल तमिलनाडु के गन्ने के लिए 2,821 रुपये प्रति टन दिया गया था। इस साल केवल 98 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
रामदास ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार भी किसानों की मदद करने में विफल रही है। 2016-17 से पहले, राज्य सरकार गन्ना किसानों को 650 रुपये प्रति टन प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही थी। अब इंसेंटिव घटकर 195 रुपये प्रति टन हो गया है। उन्होंने आग्रह किया की, सरकार को खेती की लागत 3,500 रुपये मानते हुए खरीद मूल्य बढ़ाकर 5,250 रुपये प्रति टन करना चाहिए।