दार एस सलाम: तंजानिया ने घरेलू चीनी उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय चीनी मॉडल को अपनाया है। इस मॉडल में 300,000 टन की कमी को कम करने के लिए और चीनी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए गन्ना प्रसंस्करण मिनी-संयंत्रों के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। उद्योग और व्यापार मंत्री कितिला मकुम्बो ने कहा कि, यह कदम तंजानिया को चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिया है। मकुंबो ने कहा, अगर हमें चीनी की कमी के अंतर को कम करना है, तो हमें बड़े वाले (प्लांट्स) के पूरक के लिए छोटे पैमाने के प्रोसेसर की जरूरत है। कागेरा शुगर, किलोम्बेरो शुगर, माउंटिब्वा शुगर एस्टेट्स और टीपीसी लिमिटेड की देश की चार फैक्ट्रियां मिलकर सालाना अनुमानित 370,000 टन चीनी का उत्पादन करती हैं, जबकि घरेलू मांग लगभग 670,000 टन है।
तंजानिया इंजीनियरिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (टेम्डो) के महानिदेशक, फ्रेडरिक काहिम्बा ने कहा कि, वे गन्ना प्रसंस्करण मिनी संयंत्रों की डिजाइनिंग और निर्माण दोनों कर रहे है। प्रो काहिम्बा ने कहा कि इस साल मार्च में शुरू हुई डिजाइनिंग और निर्माण अभ्यास क्रमशः 40 प्रतिशत और 20 प्रतिशत तक पहुंच गया था। उन्होंने कहा, हम जुलाई महीने में परिचालन शुरू करने से पहले जून 2022 तक गन्ना प्रसंस्करण मिनी प्लांट का निर्माण पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं। प्रो काहिम्बा ने कहा, एकल प्लांट में एक दिन में 10 टन कच्चे-गन्ना को संसाधित करने की क्षमता होगी।