कंपाला (युगांडा): युगांडा ने अपने पड़ोसी देश तंजानिया को 30 हजार मीट्रिक टन चीनी निर्यात करने का करार किया है। तंजानिया ने स्पष्ट किया है कि यह करार दो देशों की सरकारों के बीच है और इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी नहीं होगी।
युगांडा की चीनी मिलों के दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे तंजानिया के कृषि मंत्री जेफेथ हसुंगा ने बुधवार को बताया कि तंजानिया सरकार ने इस शर्त पर युगांडा से चीनी आयात की अनुमति दी है कि यह डील दोनों देशों की सरकारों के बीच होगी। यह व्यापारिक साझेदारी निजी डीलरों के लिए नहीं होगी। युगांडा में चीनी उत्पादन की मौजूदा दर अच्छी है, जिससे तंजानिया संतुष्ट हैं। शुरु में 30,000 मीट्रिक टन चीनी आयात की जाएगी। चीनी मिलों द्वारा तय कीमतों पर निर्भर करेगा कि हम अगला ऑर्डर देंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि तंजानिया में पूर्वी अफ्रीकी देशों में उत्पादित सभी चीजों पर एक ही नियम लागू है तथा युगांडा के लिए आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
युगांडा की व्यापार मंत्री अमेलिया क्यूमबड़े ने इसे युगांडा के चीनी कारोबार के लिए बेहतरीन सौदा करार देते हुए कहा कि तंजानिया के मंत्री की यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध सशक्त होंगे। युगांडा एक चीनी अधिशेष देश है और इस करार से यह साबित होता है कि युगांडा के पास चीनी निर्यात करने की क्षमता है।
बता दें कि तंजानिया ने एक साल पहले युगांडा से चीनी आयात करना बंद कर दिया था। पिछले दिनों युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी और तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली के बीच हुई एक बैठक के बाद तंज़ानिया के अधिकारी युगांडा दौरे पर आए। हसुंगा ने सभी पूर्वी अफ्रीकी देशों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने के क्रम में दोनों देशों के बीच फिर से व्यापार शुरू करने की पहल की।
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