पुणे : उत्पादन बढ़ाने के मकसद से गन्ने की प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता 250 टन तक बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए गए है। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों के साथ साथ वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (वीएसआई) और चीनी उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से संशोधन और गन्ने के विकास कार्यक्रमों पर काम किया जाएगा। ‘वीएसआई’ ने हाल ही में पुणे में एक अंतर्राष्ट्रीय चीनी सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस वक्त पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा की, देश में खाद्यान्न की बढती मांग के कारण गन्ना क्षेत्र का विस्तार करना बिल्कुल असंभव है। इसीलिए उन्होंने गन्ने की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने के आवाहन किया। उस दृष्टिकोण से चीनी मिलों ने कदम उठाना शुरू किया है। पिछले सीजन में कोल्हापुर जिले के शिरोल तालुका के अशोक चौगुले ने ‘एसआई 08005’ गन्ने की किस्म का प्रति हेक्टेयर 255 टन उत्पादन लिया था।
करवीर तालुका के नारायण वरुटे ने ‘एमएस 10001’ किस्म के गन्ने का प्रति हेक्टेयर 228 टन उत्पादन लिया। दूसरी ओर सोलापुर जिले के पंढरपूर तालुका के किसान हनुमंत बागल ने ‘कोएम 0265’ किस्म से प्रति हेक्टेयर 315 टन का उत्पादन लिया है। हालांकि, सभी गन्ना किसानों को यह संभव नही है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए, कृषि विभाग पारम्परिक गन्ना किस्मे और जैव प्राद्योगिकी विभाग द्वारा गन्ने के अकार्बनिक तनाव नियंत्रण पर संशोधन किया जा रहा है।
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