चोटी भेदक ने दी दस्तक, गन्ना किसानों को कीट से लड़ने का सिखाया गया गुर

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: जिलें में चोटी भेदक कीट का हमला हुआ है, और किसानों में भय का माहोल बना है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ आरके कुशवाहा ने किसानों को चोटी भेदक कीट से लड़ने का गुर सिखाया है।

लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि ट्राईकोग्रामा कार्ड दो प्रति एकड़ के हिसाब से खेतों में लगाएं। साथ ही इन कार्डो को शाम के समय गन्ने के खेतों में लगाए और उसके बाद किसी भी रसायन का कोई छिड़काव खेतों में नहीं करें। थाईमोथाकसम एक किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से खेत मे बिखेर कर सिचाई कर भी रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया की, इसके अलावा कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड या फ्यूराडान 6 से 8 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालकर सिंचाई करने से भी रोग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।

आपको बता दे की, पिछले साल जिले में 1. 21लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की पैदावार की गई थी। वहीं इसके अब ओर बढ़ने की उम्मीद है। इलाकें के कुछ क्षेत्रों में चोटी बेधक ने गन्ने के खेतों में दस्तक दे दी है। अभी रोग प्राथमिक चरण में है, लेकिन फिर भी किसानों को चिंता सताने लगी हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ आरके कुशवाहा ने बताया कि, चोटी बेधक से गन्ने का ऊपरी हिस्सा सूख जाता है। साथ ही पौधे की मूल कोप को निकालने पर सिर के के जैसी बदबू आती है। इसके प्रकोप से गन्ने की पैदावार काफी हद तक प्रभावित होती है।

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