तेलंगाना: NSF को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की किसानों से बड़े पैमाने पर गन्ना खेती करने की अपील

निजामाबाद : गन्ना आयुक्त जी. मालसूर के अनुसार, राज्य सरकार बीमार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम निजाम शुगर फैक्ट्री (NSF) को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार है, जिसका 2002 में एन. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बहुमत (51%) हिस्सेदारी बेचकर निजीकरण कर दिया था। निजामाबाद जिले के एडापल्ली में किसानों के लिए आयोजित एक जागरूकता बैठक में उन्होंने किसानों से बड़े पैमाने पर गन्ना खेती करने के लिए कहा, ताकि निजाम शुगर्स के लिए आवश्यक कच्चा माल स्थानीय स्तर पर पूरा/उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि, जागरूकता बैठक NSF को पुनर्जीवित करने की सरकारी योजना के तहत आयोजित की जा रही है। बैठक में विधायक पी. सुदर्शन रेड्डी, आर. भूपति रेड्डी और पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी, निजामाबाद जिला कलेक्टर राजीव गांधी हनुमंथु, पूर्व मंत्री मांडव वेंकटेश्वर राव और बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। कृषि वैज्ञानिक बालाजी नाइक और विजय कुमार ने किसानों को गन्ने की खेती के लिए अनुकूल स्थानीय परिस्थितियों, मशीनरी/कृषि उपकरणों की उपलब्धता, नई फसल प्रबंधन विधियों, उच्च उपज देने वाली किस्मों और लाभप्रदता के बारे में बताया।

उद्योग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि, NSF को 2015 में पूरी तरह से बंद कर दिया गया था और अगर इसे पुनर्जीवित करना है तो एक सीजन (साल में कम से कम 130 दिन) में इकाई को चालू रखने के लिए हर दिन कम से कम 3,500 टन गन्ने की पेराई की आवश्यकता होगी। सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि, अगर किसान गन्ने की खेती के लिए आगे आते हैं तो सरकार उन्हें हर तरह की सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि, सरकार NSF को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है और तदनुसार उसने 190 करोड़ रुपये के लंबित बकाये का भुगतान किया है। सरकार एनएसएफ की डिस्टलरी इकाई को फिर से खोलने के लिए भी तैयार है।

सरकार के सलाहकार (कृषि) श्रीनिवास रेड्डी, भूपति रेड्डी और वेंकटेश्वर राव ने किसानों को धान के अधिक लाभदायक विकल्प के रूप में फिर से गन्ने की खेती करने का सुझाव दिया। आधुनिक मशीनों की उपलब्धता से गन्ने की खेती की लागत भी कम हुई है। साथ ही, अधिक उपज देने वाली किस्में भी उपलब्ध हैं। मालसूर ने बताया कि, निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों की एक समिति ने NSF पुनरुद्धार पर एक फील्ड विजिट पहले ही पूरी कर ली है और इसने सिफारिश की है कि एक पेराई सत्र के लिए इकाई को चलाने के लिए लगभग 18,000 एकड़ में गन्ने की खेती की आवश्यकता है।

सरकार सब्सिडी वाले मूल्य पर गन्ना बीज उपलब्ध कराएगी। बैठक में भाग लेने वाले किसानों ने सरकार से सब्सिडी वाले गन्ना बीज, समय पर बिल भुगतान, केंद्र द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन के अलावा राज्य सरकार के प्रोत्साहन, सब्सिडी पर ड्रिप सिस्टम, सोलर फेंसिंग, हार्वेस्टर और अन्य आवश्यक कृषि मशीनरी के प्रावधान पर आश्वासन मांगा। कृषि आयोग के सदस्य जी गंगाधर, डीसीसीबी के अध्यक्ष रमेश रेड्डी, डीसीएमएस के अध्यक्ष ताराचंद नाइक और अन्य ने भाग लिया।

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