संगारेड्डी : ट्राइडेंट शुगर फैक्ट्री के प्रबंधन ने आखिरकार किसानों का बकाया चुका दिया है। हालांकि, इसने अभी तक अपने कर्मचारियों के वेतन बकाया का भुगतान नहीं किया है। हाल ही में, कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जिला कलेक्टर वल्लुरु क्रांति को हस्तक्षेप करना पड़ा और प्रबंधन के साथ बातचीत करनी पड़ी। परिणामस्वरूप किसानों के बकाया भुगतान को लेकर कदम उठाया गया।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, फैक्ट्री ने घोषणा की थी कि, वह 27 मई तक कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान कर देगी और जून तक लंबित पीएफ पैसे, जीएसटी और अन्य सरकारी बकाया का भी भुगतान कर देगी।
इसके अलावा, प्रबंधन ने घोषणा की थी कि, मिल को फिर से खोला जाएगा। 7 जनवरी को, स्वास्थ्य मंत्री ने संगारेड्डी जिले के रायकोड मंडल के मुत्तूर में एक और निजी चीनी कारखाने के निर्माण की आधारशिला रखी। सहायक गन्ना आयुक्त राजशेखर ने कहा, इस नई फैक्ट्री का निर्माण तेजी से चल रहा है, और अक्टूबर में पेराई शुरू होने की उम्मीद है। यह फैक्ट्री, जहीराबाद के भी करीब है, जिसे स्थानीय किसानों को फायदा हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि, जहीराबाद क्षेत्र में करीब 6.5 लाख मीट्रिक टन गन्ने की खेती होती है। पिछले दो वर्षों में ट्राइडेंट में पेराई के निलंबन के कारण कई किसानों को अपनी उपज को संगारेड्डी के पास गणपति शुगर्स और निज़ामाबाद और कर्नाटक में निजी चीनी मिलों में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे अतिरिक्त परिवहन लागत खर्च हुई। अधिकारियों का मानना है कि, अगर ये फैक्ट्रियां इस साल शुरू हो गईं तो किसानों पर बोझ कम हो जाएगा। निज़ाम शुगर्स को फिर से खोलने की राज्य सरकार की घोषणा से क्षेत्र के किसानों में भी खुशी आई है।