मथुरा, उत्तर प्रदेश: छाता चीनी मिल शुरू करने में कई दिक्कतें आ रही है, जिसमे सबसे बड़ी दिक्कत मिल की टेंडर प्रक्रिया ही पूरी नही हो रही है। मिल का टेंडर चौथी बार भी रद्द हो गया है, और अब पांचवी बार टेंडर खोला गया है। टेंडर जब तक नही खुलेगा, मिल का काम आगे नही बढेगा। सरकार मिल का कायाकल्प करने को लेकर काफी गंभीर है, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी तरीके से आगे बढ़ रही है। मिल खुलने की उम्मीद पर किसानों ने फिर से गन्ने की खेती की तरफ रुझान किया है। अब उन्हें मिल शुरू होने का इंतजार है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पांचवी टेंडर प्रक्रिया में 2 मई तक टेंडर डाले जाएंगे और 3 मई को खोले जाएंगे। आपको बता दे की, चौथे टेंडर में तीन कंपनियों ने फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लिया था। इनमें से दो कंपनियों को फाइनेंशियल बिड तक पहुंचने का मौका मिला। फाइनेंशियल बिड खुलने पर कंपनियों के रेट निर्धारित डीपीआर से ज्यादा थे। इसलिए रद्द कर दिया गया है।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, छाता मिल का करीब 500 करोड़ के बजट से कायाकल्प किया जाएगा। प्रथम चरण में 3000 टीसीडी क्षमता का गन्ना पेराई संयंत्र स्थापित किया जाएगा। दूसरे चरण में 60 केएलपीडी क्षमता का डिस्टलरी प्लांट लगाया जाएगा। तीसरे चरण में लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की जाएगी। मिल में इथेनॉल प्लांट लगाया जाएगा।