केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने लंबित आयकर रिफंड जल्द-से-जल्द जारी करने के लिए सरकार द्वारा 8 अप्रैल, 2020 को लिए गए निर्णय के बाद से लेकर 11 जुलाई, 2020 तक 21.24 लाख से भी अधिक मामलों में 71,229 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए हैं, ताकि कोविड-19 महामारी के दौरान करदाताओं को नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद की जा सके।
कोविड-19 महामारी के दौरान करदाताओं को 19.79 लाख मामलों में 24,603 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड और 1.45 लाख मामलों में 46,626 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किए गए हैं।
यह कहा जाता है कि सरकार ने करदाताओं को बिना किसी परेशानी के कर संबंधी सेवाएं मुहैया कराने पर काफी जोर दिया है। यही नहीं, सरकार इस बात से भी अवगत है कि कोविड-19 महामारी के संकट की इस घड़ी में कई करदाता अपनी कर मांग और रिफंड के निश्चित तौर पर जल्द से जल्द पूरा हो जाने का इंतजार कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, कर मांगों के निपटान से संबंधित सभी रिफंड कार्य प्राथमिकता पर लिए जा रहे हैं और 31 अगस्त, 2020 तक यह पूरा हो जाने की संभावना है। इसके अलावा, त्रुटि शुद्धिकरण और अपील संबंधी ऑर्डर को प्रभावी करने वाले सभी आवेदन आईटीबीए पर अपलोड किए जाने हैं। त्रुटि शुद्धिकरण और अपील से जुड़े सभी कार्य केवल आईटीबीए पर ही करने का निर्णय लिया गया है।
यह बात दोहराई जा रही है कि करदाताओं को अपने रिफंड की त्वरित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करने के लिए आयकर विभाग की ईमेल का तत्काल जवाब देना चाहिए। इस संबंध में करदाताओं की ओर से त्वरित जवाब मिलने पर आयकर विभाग को उनके रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाने में सुविधा होगी। कई करदाताओं ने त्रुटि शुद्धिकरण, अपील या टैक्स क्रेडिट के लिए अपने-अपने जवाब इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत कर दिए हैं। इन पर समयबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। सभी रिफंड ऑनलाइन और सीधे करदाताओं के बैंक खातों में डाल दिए गए हैं।
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