नई दिल्ली : द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने लगभग 2 लाख टन चीनी निर्यात कोटा को मिलों के बीच आदान-प्रदान करने और घरेलू कोटा के साथ समायोजित करने की मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले से अधिशेष चीनी निर्यात को मदद होगी और घरेलू आपूर्ति भी बाधित नहीं होगी। आपको बता दे की, खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को 2 लाख टन कोटा को मंजूरी दी और पिछले सप्ताह 38,000 टन चीनी बेची गई है। बिहार और उत्तर प्रदेश की कई मिलों ने महाराष्ट्र की मिलों के साथ अनुबंध किया है, जो पश्चिमी तट पर बंदरगाहों से निकटता के कारण लाभप्रद स्थिति में हैं।
कम से कम 28 चीनी मिलों ने अपना निर्यात कोटा छोड़ दिया है, जिसमे कुछ ने आंशिक रूप से और अन्य ने पूरी मात्रा में, जिसकी भरपाई 18 मिलों के घरेलू कोटा से की जाएगी। सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोई भी मिल जो निर्यात कोटा वापस करना चाहती है, उसे 4 जनवरी से पहले ऐसा करना होगा और कोटा हर महीने आवंटित घरेलू बिक्री मात्रा के साथ समायोजित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि यूपी में एक मिल महाराष्ट्र में एक मिल के साथ एक्सचेंज करके निर्यात कोटा की कुछ मात्रा का समर्पण करती है, तो यूपी मिल को घरेलू बाजार में समान मात्रा में बिक्री करनी होगी और उसके घरेलू कोटे को तदनुसार बदला जाएगा। लेकिन उतनी ही मात्रा महाराष्ट्र मिल के घरेलू कोटे से कम की जाएगी।