रायपुर : द पायनियर में प्रकाशित खबर के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से बायो-एथेनॉल उत्पादन के लिए हर साल मंजूरी लेने की शर्त को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 निवेशकों के साथ समझौता किया है। बघेल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। बघेल ने कहा, हमारे देश का एक संघीय ढांचा है, और इसलिए, राज्यों को सरकार चलाने के लिए कुछ शक्तियां और स्वायत्तता दी गई है। वर्तमान में शक्तियां पर्याप्त नहीं हैं और शीर्ष स्तर पर नीति निर्माताओं को अब राज्यों को अधिक अधिकार और स्वायत्तता देने के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए। बघेल ने आदिवासी कल्याण और विकास के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता की मांग की।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण लोगों द्वारा तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट को ‘पोषक तत्व आधारित सब्सिडी’ की भी मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से छोटे मोटे बाजरा कोडो और कुटकी को समर्थन मूल्य घोषित करने की भी सिफारिश की। बघेल ने कहा कि, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य बाधित हैं और वहां प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सड़कों और पुलों के निर्माण की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।बघेल ने मांग की कि छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करे।