नई दिल्ली: 15 फरवरी 2021 तक मिलों द्वारा 208.89 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि पिछले साल की इसी तारीख को 170.01 लाख टन उत्पादन हुआ था। 2020 -21 सीजन में पेराई शुरू करनेवाली 497 मिलों में से 33 चीनी मिलों ने गन्ने की कमी के कारण पेराई कार्य बंद कर दिया है। पिछले साल, 447 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया था, जिनमें से 20 ने पिछले साल इसी तारीख को पेराई बंद कर दी थी।
महाराष्ट्र में, 15 फरवरी 2021 को 183 चीनी मिलें चल रही थीं और पिछले साल की समान अवधि में उत्पादित 43.38 लाख टन की तुलना में 75.46 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। चालू वर्ष में 2 चीनी मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। पिछले साल 140 मिलों ने पेराई शुरू की थी, जिनमें से 5 मिलों ने इसी तारीख को अपनी पेराई बंद कर दी थी। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 116 चीनी मिलें चल रही हैं जबकि 4 मिलों ने अपनी पेराई बंद कर दी है। राज्य की इन मिलों ने 15 फरवरी तक 65.13 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले साल की इसी तारीख को 119 मिलों ने 66.34 लाख टन का उत्पादन किया था।
कर्नाटक के मामले में, 15 फरवरी तक, 66 चीनी मिलों ने परिचालन शुरू किया था और पिछले वर्ष इसी अवधि में 63 चीनी मिलों द्वारा उत्पादित 30.80 लाख टन की तुलना में 39.07 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। इस सीजन में पेराई के लिए जाने वाली 66 चीनी मिलों में से 15 चीनी मिलों ने 15 फरवरी 2021 तक पेराई बंद कर दी। पिछले साल इसी अवधि में 63 चीनी मिलों में से 13 चीनी मिलों ने अपने परिचालन को 15 फरवरी तक समाप्त कर दिया था।
गुजरात की 15 चीनी मिलों ने 15 फरवरी तक 6.55 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल, 15 मिलें शुरू थीं और उन्होंने 15 फरवरी 2020 तक 5.95 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
तमिलनाडु में 25 चीनी मिलों ने 2020-21 सीजन के लिए अब तक अपने पेराई कार्यों की शुरुआत की है और इसी तारीख को 2019-20 सीजन में 21 चीनी मिलों द्वारा उत्पादित 2.63 लाख टन की तुलना में इस साल 2.25 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। शेष राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा ने 15 फरवरी, 2021 तक सामूहिक रूप से 20.43 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।