आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश में कई मिलों का पेराई सत्र अंतिम चरण में पहुंच चुका है। दी किसान सहकारी चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना रकबा लगभग खत्म हो गया है, और मिल प्रबंधन ने भी पेराई खत्म करने का विचार शुरू कर दिया है।
जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पेराई सत्र 2021-22 में गन्ने की पेराई का लक्ष्य पूरा करते हुए 24 लाख 30 हजार 300 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई और एक लाख 63 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। इसके अलावा एक लाख 69 हजार क्विंटल बी हैवी मोलासेस तैयार किया गया है। मिल ने कुल सीजन में 90 दिन पेराई की है। जीएम लालता प्रसाद सोनकर ने कहा कि, मिल क्षेत्र का गन्ना खत्म होने के बाद मिल बंद कर दी जाएगी। किसानों का गन्ना का भुगतान 15 जनवरी तक का कर दिया गया है। बाकी भुगतान एक-दो दिन में किया जाएगा।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 2021-22 सीजन के दौरान 28 फरवरी 2022 तक, उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 112 चीनी मिलें चालू है, जबकि 8 मिलों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है, उनमें से अधिकांश पूर्वी यूपी की हैं। राज्य में इन मिलों ने 28 फरवरी, 2022 तक 68.64 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि 28 फरवरी, 2021 को समान संख्या में मिलों द्वारा उत्पादित 74.20 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। हालांकि, पिछले साल 11 मिलों ने इसी तारीख को अपना पेराई कार्य पूरा कर लिया था।