बरेली, उत्तर प्रदेश: जिले में पेराई सत्र अंतिम चरण में पहुंच चुका है, और पांच मिलों में से वर्तमान में केवल एक ही मिल चल रही है।इस सीजन में गन्ने की भारी कमी के कारण अप्रैल माह के अंत तक चलने वाली चीनी मिलों में पेराई अभी बंद हो गई है। केवल एक चीनी मिल में ही पेराई जारी है। किसानों के भुगतान की बात की जाये तो केवल एक निजी चीनी मिल ने ही शत-प्रतिशत किसानों का भुगतान किया है, जबकि चार चीनी मिलों पर किसानों का 222 करोड़ रुपये अब भी बकाया है।किसान गन्ना भुगतान का इंतजार कर रहे है।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस बार पिछले पेराई सत्र की तुलना में 40 फीसदी कम गन्ना पेराई होने का अनुमान है। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा कि, इस बार जिले में बारिश, बाढ़ का असर गन्ना उत्पादन पर देखने को मिला है। इसकी वजह से मार्च के पहले सप्ताह तक ही चार चीनी मिल बंद हो चुकी है। केवल एक चीनी मिल का ही पेराई सत्र जारी है। मीरगंज की धामपुर चीनी मिल, बहेड़ी की केसर इंटरप्राइजेज और फरीदपुर की द्वारिकेश शुगर लिमिटेड के बाद नवाबगंज की ओसवाल चीनी मिल भी बंद हो गई हैं, जबकि पिछले साल 16 अप्रैल तक इन सभी चीनी मिल ने पेराई की थी। अब केवल सेमीखेड़ा चीनी मिल में पेराई जारी है।