बरेली (उत्तर प्रदेश) : जिले में जुलाई में अधिक बारिश होने से खेतों में गन्ने के पौधे सड़ गए थे। सितंबर में हुई बारिश और बाढ़ ने फसल को नुकसान पहुंचाया। लाल सड़न रोग से भी गन्ना उत्पादन में भारी गिरावट हुई। गन्ना उत्पादन में गिरावट का सीधा असर पेराई पर देखने को मिल रहा है। जिले में गन्ना लगभग खत्म होने के कगार पर है। जिले की चीनी मिलों का पेराई सीजन अंतिम चरण में पहुंच चुका है, जबकि पिछले साल मिलें अप्रैल तक चली थीं।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस बार चार चीनी मिलें फरवरी में ही बंद हो जाएंगी। पांचवीं मिल में तीन मार्च को पेराई बंद होगी। खबर के मुताबिक, पिछले साल 329 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी। इस साल 249 लाख क्विंटल पेराई का अनुमान है। यानी इस साल करीब 80 लाख क्विंटल पेराई कम होने का अनुमान है। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा की, अगर किसी मिल में गन्ना आता रहा तो उसे पेराई की अवधि बढ़ाने का मौका दिया जाएगा। इस साल सबसे पहले 15 फरवरी को बहेड़ी चीनी मिल बंद होगी। 20 फरवरी को फरीदपुर, नवाबगंज व सेमी खेड़ा मिलें एक साथ बंद होंगी। मीरगंज चीनी मिल तीन मार्च को बंद होगी।