मुंबई: राज्य में चीनी मिलों का पेराई सत्र समाप्त होने वाला है और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने मांग की है कि 15 दिनों के भीतर किसानों को FRP दिया जाए और कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एग्रोवन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, शेट्टी ने मांग है कि चीनी उत्पादन के अनुसार वास्तविक चीनी रिकवरी, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस, सिरप और बी हैवी मोलासेस के उपयोग के कारण चीनी रिकवरी में आई कमी को मिलाकर अंतिम चीनी रिकवरी निर्धारित किया जाए और उसके अनुसार एफआरपी दिया जाए।
फिलहाल, एकमुश्त एफआरपी को लेकर ‘स्वाभिमानी’ द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। शेट्टी ने मांग की है कि एफआरपी 15 दिनों के भीतर दी जाए क्योंकि सीजन खत्म होने वाला है। बयान में उन्होंने कहा, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस, सिरप और बी हैवी मोलासेस के उपयोग के कारण चीनी की पैदावार में कमी को केंद्र सरकार द्वारा नामित सक्षम संस्थानों द्वारा प्रमाणित किया जाना है।साथ ही, सीजन खत्म होने के 15 दिन के अंदर अंतिम एफआरपी निर्धारित की जाए तथा उसके अनुसार अंतर राशि किसानों को देना अनिवार्य है।