अधिक उत्पादकता वाले किसानों के अनुभवों का लाभ दिलाने हेतु आस-पास के गन्ना किसानों को विभाग कराएगा विजिट: गन्ना आयुक्त

प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने वाले कृषकों के अनुभवों का लाभ लिये जाने हेतु आस-पास के क्षेत्रों के निकटवर्ती किसानों, जो उस ग्राम अथवा आस-पास के ग्रामों के निवासी हैं, को प्रगतिशील किसानों के खेतों पर विजिट कराने हेतु समस्त उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। इस विजिट के माध्यम से अन्य किसान भी प्रगतिशील किसानों के अनुभवों, विचारों, शस्य क्रियाओं, अपनायी गयी तकनीकी विधियों एवं तकनीकी जानकारियों के आधार पर अपनी खेती में सुधार ला सकेंगे तथा गन्ने की खेती के माध्यम से अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगे।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त ने बताया कि प्रगतिशील गन्ना किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त करने एवं अन्य विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हेतु हॉल ही में मा. मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों से उत्कृष्टता एवं उत्पादकता पुरस्कार प्रदान किये गये हैं। गन्ना प्रतियोगिताओं के अन्तिम परिणामों में प्रगतिशील किसानों के प्लाटों पर 2,655 कुन्तल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन लिये जाने की स्थिति पाई गई, जबकि प्रदेश की औसत गन्ना उपज 823 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है। ऐसी स्थिति में विभिन्न परिक्षेत्रों में लगभग 30 से 35 शिक्षित एवं युवा तथा महिला किसान हैं जो खेती को उद्यम के रूप में अपनाकर नवोन्मेषी तकनीकों द्वारा कम लागत में अधिक गन्ना एवं अन्य फसलों का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं, इनके अनुभवों का लाभ अन्य किसानों को भी मिलना चाहिए।

श्री भूसरेड्डी द्वारा परिक्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं कि अधिक गन्ना उत्पादन प्राप्त कर रहे एवं उत्पादकता पुरस्कार प्राप्त किसानों के फार्मों पर अन्य किसानों को विजिट कराने से पूर्व प्रत्येक जिले में 1,200 कुन्तल प्रति हेक्टेयर से अधिक गन्ना उपज प्राप्त करने वाले किसानों की सूची तैयार की जाये तथा उच्च उत्पादन प्राप्त करने वाले एवं अभिनव तकनीक द्वारा खेती करने वाले युवा किसानों के खेतों पर प्रदर्शन करायें जायें।
इन खेतों पर विजिट के समय युवा किसानों तथा उच्च उत्पादकता लेने वाले गन्ना किसानों के अनुभव विजिट करने वाले किसानों के साथ साझा कराये जायें जिससे संवाद एवं विचारों का आदान-प्रदान कृषकों के बीच हो सके और इस दौरान विभागीय अधिकारियों अथवा कार्मिकों का हस्तक्षेप न्यूनतम रहे। इस विजिट के समय प्रगतिशील किसानों के साथ अन्य किसानों की संवाद वाली 03 से 05 मिनट की लघु वीडियो क्लिप एवं फोटोग्राफ भी तैयार कर विभागीय वेबसाइट एवं सोशल मीडिया यथा-विभागीय यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर पर अपलोड कराये जायें, जिससे यह किसानों के लिए सुलभ रहे। इन वीडियो क्लिप्स तथा फोटोग्राफ्स का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाये।

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