इकबालपुर चीनी मिल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है…

हरिद्वार (उत्तरांचल): इकबालपुर चीनी मिल एक तरफ आर्थिक तंगी से जूझ रही है और दूसरी ओर गन्ना बकाया चुकाने से परेशान है। दिनों दिन इकबालपुर चीनी मिल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। किसानों का बकाया भुगतान अब और कुछ दिनों तक टलने की संभावना बनी हुई है, क्योंकि मिल के शीरे की नीलामी नहीं हो पाई है। शीरा नीलामी में भाग लेने आए व्यापारियों ने बताया कि शीरे के दाम अधिक हैं। अब एक नवम्बर को फिर से शीरा को नीलाम करने की तैयारी है, तब तक मिल के पास किसानों को भुगतान करने के लिए पैसे उपलब्ध नही हो सकते।

इकबालपुर चीनी मिल पर गन्ना किसानों का लगभग 258 करोड़ रुपये बकाया है, जिसके लिए किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। अब प्रशासन की ओर से करीब पांच करोड़ रुपये कीमत के शीरे की नीलामी की तैयारी की गई है। सोमवार को उप जिलाधिकारी कार्यालय में नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन नीलामी में भाग लेने आई छह फर्मों ने यह कहकर नीलामी में भाग लेने से इंकार कर दिया कि शीरे के दाम ज्यादा है, जिससे नीलामी नहीं हो सकी।

अब एक नवंबर को फिर से नीलामी की जाएगी। किसानों की नजरें अब एक नवंबर को होने वाली नीलामी की ओर लगी है।अगर नीलामी हो जाती है तो मिल के पास किसानों का भुगतान करने के लिए रकम आ सकती है।

चीनी मिल क्षेत्र के गन्ना किसान बौखलाए हुए है, क्यूंकि उन्हें अब तक मिल द्वारा गन्ना बकाया भुगतान नहीं चुकाया गया है। मिल की इतनी हालत ख़राब है की उनकी नीलामी की चीनी भी नहीं बिक रही है। चीनी मिल की ओर से दो साल से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया है। बकाया को लेकर किसानों ने कई बार आंदोलन किया, फिर भी उन्हें भुगतान करने में चीनी मिल प्रशासन विफ़ल रहा है।

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