19 जून, अंबाला: अंबाला में सोमवार की शाम को हुई बारिश ने धान की खेती करने वाले किसानों को आनंदित कर दिया। जब धान को बोने की प्रक्रिया चल रही होती है उस समय किसानों को अपने खेतों को नलसारण करने के लिए ट्यूबवेल चलाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन इस बार हुई बारिश के कारण उन्हें अपने ट्यूबवेल का उपयोग नहीं करना पड़ेगा।
प्रति वर्ष अंबाला में लगभग 86,000 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया जाता है।
हालांकि, बारिश के कारण जिले में सूरजमुखी और मक्का की फसलों की कटाई प्रभाव पड़ेगा।
अंबाला के भारतीय किसान संघ (चारुनी) प्रदेशाध्यक्ष मलकीत सिंह ने कहा की,धान फसल के लिए बारिश अच्छी होती है क्योंकि इसे बहुत अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। ट्यूबवेल चलाना किसानों को महंगा पड़ता है, क्योंकि किसानों को ट्यूबवेल खेतों की निराई करने के लिए घंटों चलाना पड़ता है, लेकिन बारिश ने आवश्यक सिंचाई प्रदान कर दी है। यह भूमिजल को भी बचाएगी। हालांकि, बारिश सूरजमुखी और मक्का की फसलों के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि यह कटाई में विलंब करेगी और अनाज मंडियों में रखी उत्पादन को भी प्रभावित करेगी।
कृषि उपनिदेशक जसविंदर सिंह ने कहा की, धान और गन्ने की फसलों के लिए बारिश अच्छी होती है, लेकिन इस बारिश के कारण सूरजमुखी और मक्का की कटाई पर काफी असर पड़ेगा।
जसविंदर ने बताया की, लगभग 18,000 एकड़ सूरजमुखी में से केवल लगभग 3 से 4 प्रतिशत कटाई बाकी है, जबकि लगभग 4,000 हेक्टेयर मक्का की खेती में से लगभग 5 प्रतिशत कटाई बाकी है।”