जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत टीआईडब्ल्यूजी की पहली बैठक 28 से 30 मार्च, 2023 के दौरान मुंबई में होगी। इस तीन-दिवसीय बैठक के दौरान, जी20 के सदस्य देशों, आमंत्रित देशों, क्षेत्रीय समूहों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधि वैश्विक व्यापार एवं निवेश में तेजी लाने के संबंध में विचार-विमर्श करेंगे। इस बैठक में भाग लेने के लिए 50 से अधिक प्रतिनिधि पहले ही मुंबई पहुंच चुके हैं।
बैठक के पहले दिन, 28 मार्च को, ‘व्यापारिक वित्त’ पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। व्यापारिक वित्त के मामले में व्याप्त अंतर को पाटने में बैंकों, वित्तीय संस्थानों, विकास वित्त संस्थानों और निर्यात ऋण एजेंसियों की भूमिका और डिजिटलीकरण एवं फिनटेक आधारित उपायों के जरिए व्यापारिक वित्त तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के संबंध में दो पैनल चर्चाओं के माध्यम से चर्चा की जाएगी। व्यापारिक वित्त के मामले में बढ़ते अंतर को पाटने के बारे में विचार-विमर्श करने तथा इस दिशा में ठोस समाधान सुझाने हेतु भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। इसके बाद जी20 के प्रतिनिधि भारत डायमंड बोर्स के एक निर्देशित दौरे पर जायेंगे।
मसालों, मोटा अनाज अथवा श्री अन्न, चाय और कॉफी पर विभिन्न ‘व्यक्तिगत अनुभव जोन’ की स्थापना की जाएगी, और ‘टीआईडब्ल्यूजी’ की बैठक के दौरान सम्मेलन स्थल पर ही वस्त्रों पर एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
भारत के माननीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल 29 मार्च को टीआईडब्ल्यूजी बैठक का उद्घाटन माननीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड़ के साथ मिलकर करेंगे। वैश्विक व्यापार और निवेश से संबंधित प्राथमिकताओं, जिन पर भारतीय अध्यक्षता के दौरान ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, पर 29 मार्च और 30 मार्च को बंद कमरे में आयोजित होने वाली समस्त चारों तकनीकी सत्रों के दौरान चर्चाएं की जाएंगी।
29 मार्च को विचार-विमर्श के दौरान व्यापार को आर्थिक विकास और समृद्धि में मददगार बनाने और सुदृढ़ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आर्थिक विकास को समावेशी एवं मजबूत बनाने, जीवीसी में विकासशील देशों व वैश्विक दक्षिण की भागीदारी बढ़ाने, और भविष्य के संकटो का सामना करने हेतु सुदृढ़ जीवीसी का निर्माण करने के लिए साझा परिणाम हासिल करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
30 मार्च को, दो कार्य सत्रों में, टीआईडब्ल्यूजी की प्राथमिकताओं-वैश्विक व्यापार में एमएसएमई को एकीकृत करना और व्यापार के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स तैयार करना-पर चर्चा की जाएगी। भारतीय अध्यक्षता का उद्देश्य, जी20 अध्यक्षता के पिछले कार्यकालों के दौरान हुए कार्यों को आगे बढ़ाना है तथा एमएसएमई को वैश्विक व्यापार में बेहतर ढंग से एकीकृत करने का प्रयास करना है, क्योंकि विकसित और विकासशील, दोनों प्रकार के देशों में एमएसएमई, आजीविका को बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभाता है। जी20 के प्रतिनिधि मजबूत लॉजिस्टिक्स अवसंरचना विकसित करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे, जो सीमा-पार और आतंरिक इलाकों में लेनदेन की लागत को कम कर सकते हैं।
भारत की जी20 अध्यक्षता का उद्देश्य, वैश्विक व्यापार और निवेश में तेजी लाने से जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में आपसी समझ का निर्माण करना है और मानव-केंद्रित ठोस परिणामों और सुविधाओं की अदायगी के लिए मौजूदा अवसरों का उपयोग कैसे किया जा सकता है।