चीनी मिलों को सरकार हर तरह की सुविधा दे रही है: केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान

मुज़फ़्फ़रनगर, 13 जनवरी: उत्तर प्रदेश में गन्ना पैराई सत्र चल रहा है। पश्चिम यूपी सूबे का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक बैल्ट है। यहाँ किसानों को मिलों में गन्ना पैराई के दौरान कोई परेशानी न हो इसके लिये प्रदेश सरकार गंभीरता से काम कर रही है। राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर से सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने कहा कि सूबे के गन्ना किसानों और चीनी मिलों को सरकार हर तरह की सुविधा दे रही है ताकि गन्ना पैराई सीजन व्यवस्थित चले। इसके लिए पैराई सत्र से पहले चीनी मिल प्रतिनिधियों के साथ शासन की बैठक हुई थी, जिसमें मिलों को किसानों के लिए तमाम सुविधाएँ बहाल करने के अलावा साफ़ सफ़ाई के निर्देश दिए गए थे।

मंत्री ने कहा कि मैने पूरे इलाक़े का भ्रमण किया है। चीनी मिलों में जाकर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया है। गन्ना पैराई सत्र 2019-20 के दौरान न तो किसानों की तरफ़ से कोई शिकायत मिली है और ना ही चीनी मिलों को कोई समस्या है। मंत्री ने कहा कि गन्ना किसान प्रदेश के गाँवों की आर्थिक विकास की धुरी है। इनके संचालन से एक बड़ी आबादी को रोज़गार मिलता है वहीं गन्ने के प्रसंस्करण के लिए किसानों उद्योग की ज़रूरतें पूरी होती है। इसलिए सरकार ने पिछले गन्ना पैराई सत्र में किसानों के सामने जो व्यावहारिक दिक़्क़तें मिलों में रही उनको समय रहते इस बार दुरुस्त कर दिया है। मेरे संभाग में स्थित सभी चीनी मिलों से मेरा लगातार संवाद हो रहा है किसान संगठनों से भी बातचीत हो रही है। मिलों में पानी की व्यवस्था, किसानों के लिए आराम की व्यवस्था, घटौतौली का दुरुस्तीकरण करने के अलावा समय पर गन्ना किसानों का बकाया चुकाने का कार्य हो रहा है। गन्ना उतरने के 20 दिन में मिलें गन्ना किसानों का बकाया चुका रही है। मिल के बाहर लाइन ना लगे इसके लिए पर्ची कटने के तीन दिन में किसानों का गन्ना मिल में उतर रहा है।

यूपी कॉपरेटिव शुगर फ़ेडरेशन के महाप्रबंधक एनके यादव ने कहा कि सरकार ने जितना चीनी मिलों को सहयोग क़िया है उतनी ही गन्ना किसानों की मदद भी की है। गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जनपदवार चीनी मिलों में आ रहे गन्ने का रिकॉर्ड रखा जा रहा है। मिलवार के हिसाब से गन्ने की औसत उपज का आँकलन किया जा रहा है ताकि हर दिन ये पता चल सके कि किस चीनी मिल में किसान पैराई के लिए कितना गन्ना लेकर आया और किस मिल में कितनी चीनी उत्पादित हुई।

मोरना सहकारी चीनी मिल के इमरान खान ने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार हमने मिल में किसानों के लिए आने, जाने, ठहरने और नाप तौल से जुड़ी सभी सुविधाएँ कर रखी है। समय पर गन्ना का पेमेंट किया जा रहा है। सर्दी को देखते हुए किसान रेस्ट हाउस में हीटर लगाया गया है। किसान भाई कभी भी आकर अपनी समस्या रख सकते है। मिल में अलग से सुविधाएँ देने के लिए काउंटर बनाया गया है। हमारी टीम 24 घंटे अलर्ट है।

मोरना सहकारी चीनी मिल में गन्ना लेकर आए किसान रामसुख ने कहा कि मैंने तीन दिन पहले पर्ची कटाई थी। आज मेरा नंबर आ गया है। सुबह हम गन्ना लेकर ट्रेक्टर से आए थे, दो घंटे आराम किया अब हमारा नम्बर आ गया है। पहले दो दो दिन हमारा ट्रेक्टर मिल के बाहर खड़ा रहता था कोई सुनने वाला नहीं रहता था, लेकिन अब अब ऐसा नहीं है सब कुछ व्यवस्थित है। सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है।

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