जॉर्जटाउन : राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने कहा की, श्रमिकों के लिए बेहतर पैकेज दिया जायेगा, लेकिन इसके लिए चीनी उत्पादन भी बढाने की जरूरत है। राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने ब्लेयरमोंट शुगर एस्टेट में श्रमिकों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि, सरकार उद्योग को मशीनीकृत करने में निवेश कर रही है।उनका यह दौरा चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने के तरीके खोजने के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
राष्ट्रपति अली ने कहा कि, वह श्रमिकों की बात और उनकी चिंताएं सुनना चाहते है। उन्होंने उनसे कहा कि, वे खुलकर अपनी बात रखें और प्रबंधन से न डरें।राष्ट्रपति ने श्रमिकों से कहा, चीनी उद्योग बेहतर होने जा रहा है, क्योंकि हम उत्पादन को बढाने के लिए GuySuCo में निवेश कर रहे हैं। मैं किसी कार्यालय में रहकर प्रबंधन या बोर्ड से सुनना नहीं चाहता। मैं स्वयं आकर आप सभी से सुनना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा, GuySuCo के सामने कुछ चुनौतियों में से एक है कि गन्ना भूमि का कम उपयोग किया जाता है, क्योंकि सिस्टम में पर्याप्त गन्ना नहीं हैं। चिंता की बात यह भी है कि श्रमिकों को वह प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है जिसके वे आदी है। ब्लेयरमोंट में, श्रमिकों को काम के घंटे कम करने की पेशकश की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप कम वेतन मिलेगा। वहां श्रमिकों को प्रति सप्ताह तीन दिन और चार दिन काम की पेशकश की जा रही है।
इस साल GuySuCo को 5000 हेक्टेयर गन्ने की खेती की उम्मीद है। राष्ट्रपति अली ने कहा कि, यदि यह लक्ष्य हासिल किया जा सका, तो सभी मिलें अपने इष्टतम स्तर पर काम करेंगी। उन्होंने कहा, अगले साल पेराई और बेहतर होगी, क्योंकि हमारे पास दूसरी फसल के लिए 5000 हेक्टेयर भूमि तैयार होगी। अगले साल पहली फसल के लिए हमारे पास 20,000 हेक्टेयर गन्ना तैयार होगा। हम उत्पादन बढ़ा रहे हैं और पूंजीगत व्यय में काफी पैसा लगा रहे हैं। अली के अनुसार, कृषि मंत्रालय स्थानीय स्तर पर खेती के लिए अधिक उपज देने वाली गन्ने की किस्मों की तलाश कर रहा है।
GuySuCo ने अगले वर्ष 140,000 टन उत्पादन करने का अनुमान लगाया है, निगम इस वर्ष 100,000 टन का लक्ष्य रख रहा है। पिछले साल, GuySuCo
70,000 टन चीनी तक पहुंचने में विफल रही। अली ने कहा कि, इस साल मौसम की कठोर परिस्थितियों ने उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि, उनका दौरा फैक्ट्री और फील्ड श्रमिकों दोनों के लिए था क्योंकि आगे जो होगा उसका गाइसुको की वेतन संरचना और चीनी श्रमिकों की आजीविका पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।