नई दिल्ली, 14 सितम्बर: हरियाणा में चुनावों की गहमागहमी के बीच राजनीतिक दलों ने किसानों के जिन वादों को पूरा किया है उनको जनता के बीच ले जाकर भुनाने की कोशिस की जारी है। चुनावी रणनीति से जुड़ी एक अहम बैठक को लेकर राजधानी दिल्ली में भाग लेने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से किसानों और चीनी मिलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाक़ात की। मुलाक़ात के बाद मीडिया से बात करते हुए चीनी मिल नेता रामलाल चौधरी ने कहा है कि किसानों के हितों के प्रति इस सरकार का नज़रिया हमेशा सहयोगात्मक रहा है इसके लिए गन्ना किसान व मिलें सरकार के प्रति कृतज्ञ है। इस अवसर पर चीनी मिल संघ और गन्ना किसान प्रतिधिमंडल से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का गन्ना बकाया देने के लिए चीनी मिलों को हमने हर समय वित्तीय मदद की और और दयनीय हालात में चल रही चीनी मिलें आज लाभ में चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों और चीनी मिलों के प्रति सरकार का नज़रिया हमेशा से सहयोगात्मक रहा है। हमने देश के गन्ना किसानों को गन्ना का सर्वाधिक मूल्य तय कर 345 रुपए प्रति क्वंटल की दर से दिलवाया जो देश में एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा हमने सहकारी चीनी मिलों के साथ साथ नीजि चीनी मिलों को भी वित्तीय मदद कर उनको फिर से लाभ की स्थिति में लाने का काम किया। आज ये चीनी मिलें चालू हैं। इसका जीवन्त उदाहरण नारायणगढ़ और भादसो नीजि चीनी है जिनका किसानों पर गन्ने बहुत अधिक रुपया बकाया था लेकिन हमने समय रहते मदद की जिसके कारण चीनी मिलों ने किसानों का बकाया चुकाया और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि गन्ना पैराई सत्र में किसानों को कई दिक्कत न हो इसके इन्तज़ाम किए जा चुके है। सभी चीनी मिलों को शासन के ओर से निर्देंश दिए गए है कि पैराई सत्र के दौरान गन्रा किसानों के लिए मिल प्रशासन सुविधा सेवा शुरु करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नीजि मिल जैसे सरस्वती सुगर मिल, यमुनानगर सुगर मिल, व नारायण गढ सुगर मिल द्वारा किसानों से खरीदे गए गन्ने के के बकाया के भुगतान के हमने प्रबन्ध किये। इनमें अकेले नारायण गढ़ चीनी मिल के लगभग 25 करोड़ व भादषो चीनी मिल ने लगभग 11 करोड़ रुपए दिलाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद में भले ही इन मीलों ने ये पैसा चुका दिया हो लेकिन सरकार ने समय पर अपना फ़र्ज़ निभाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले सिर्फ़ सहकारी चीनी मिलों को ही सरकार वित्तीय मदद करती थी लेकिन जब से हमारी सरकारी आयी तब से हमने नीजि चीनी मिलों की मदद के लिये हरियाणा राज्य सहकारी बैंक को अधिकृत किया है ताकि ज़रूरत के वक्त जल्द से जल्द मिलों को वित्तीय राशि आवंटित कर किसानों का बकाया समय पर दिलाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना पैराई सत्र 2019-20 के लिए शासन से ऐसी व्यवस्था की गयी है कि गन्ना किसानों को उनके उत्पाद की अदायगी के तौर पर एक एक पैसा समय पर दिया जा सके। इसके लिये पर्ची निमगमन व्यवस्था दुरुस्त करने के अलावा ऑन लाइन रजिस्ट्रेश करने जैसी नवीन तकनीक अपनाने पर भी सहमति बनी है।
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