नई दिल्ली : केंद्र सरकार की एथेनॉल समिश्रण निति अब रंग लाती नजर आ रही है, देश और दुनिया कई सारी कंपनियां भारत में एथेनॉल प्लांट स्थापित करने में दिलचस्पी दिखा रही है। पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर काफी बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च हो जाती है। केंद्र सरकार ने यह तस्वीर बदलने के लिए 2014 से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। पिछले सात-आठ वर्षों में, देश ने पेट्रोल के साथ एथेनॉल को मिलाकर विदेशी मुद्रा में 50,000 करोड़ रुपये की बचत की है। भारत ने इस साल जून में तय समय से पांच महीने पहले ही देश भर में औसतन 10% सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया है।
भारत की सबसे तेजी से बढ़ती स्वच्छ ईंधन ऊर्जा कंपनी नेक्सजेन एनर्जी ने भी अब एथेनॉल उत्पादन सेगमेंट में प्रवेश करने और देश भर में प्लांट स्थापित करने की विस्तार योजना बनाई है। आपको बता दे की नेक्सजेन एनर्जी कंपनी एथेनॉल उत्पादन में करीब 300 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। आगामी वित्तीय वर्ष में अपनी आगामी परियोजनाओं में 300 करोड़ का निवेश करेगी। नेक्सजेन एनर्जी लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. पीयूष द्विवेदी ने कहा, हम भारत में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अपने परियोजनाओं का विस्तार करेंगें।