जालंधर: द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मुकेरियां चीनी मिल पर अन्य मिलों की तुलना में इस सीजन में किसानों का सबसे अधिक बकाया है। भुगतान की मांग को लेकर संयुक्त किसान संघ के बैनर तले किसानों ने पिछले शनिवार को इसका गेट जाम कर छह घंटे तक धरना दिया था। मिल प्रबंधन द्वारा किसानों को 12 मार्च तक चार किस्तों में 117 करोड़ रुपये का पूरा बकाया मिलने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया।
किसान संघर्ष समिति के सतनाम साहनी ने कहा कि, भोगपुर और बटरन चीनी मिलों से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है। गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के भीतर भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन भोगपुर मिल किसानों को समय पर भुगतान नहीं कर रही है। आखिरी बार गन्ना किसानों को बटरन चीनी मिल से उनका बकाया 5 जनवरी को मिला था, और मिल से भी पिछले 53 दिनों का बकाया है। फगवाड़ा चीनी मिल के बारे में किसानों ने कहा कि, उन्होंने इस सीजन का 5 फरवरी तक का सारा बकाया चुका दिया है। साहनी ने कहा, 2021-22 सीजन का 33 करोड़ रुपये बकाया है।