लाहौर: चीनी मिलों के लिए भारी जुर्माने का कानून प्रांतीय असेंबली में पेश करने से पाकिस्तान की पंजाब सरकार बचती नजर आ रही है। कानून के अनुसार, सूबे की सभी चीनी मिलों को हर साल 1 अक्टूबर से पेराई शुरू कर देनी चाहिए। हालांकि, मिल मालिक आमतौर पर नवंबर के अंत तक या फिर दिसंबर के मध्य तक मिलों का परिचालन शुरू करने में देरी करते हैं, जैसा कि हाल के वर्षों में देखा गया है। प्रधान मंत्री इमरान खान ने 27 जुलाई को स्पष्ट रूप से प्रांतीय सरकार को निर्देश दिया था कि, समय पर अगली फसल की शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए तीन सप्ताह में कानून पेश किया जाए।
प्रांतीय मंत्रिमंडल ने अधिनियम संशोधनों को 13 अगस्त को मंजूरी दे दी। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक कानून मंत्रालय द्वारा विधानसभा में इस कानून को संशोधन के लिए पेश नही किया गया है ताकि विधानसभा के संशोधनों को जल्द पारित किया जा सके। संशोधनों के तहत पांच मिलियन रुपये का दैनिक जुर्माना और तीन साल तक की कैद या दोनों का प्रावधान है। विधानसभा में संशोधन विधेयक लाने में देरी के लिए चीनी उद्योग के मजबूत प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के अंत से पहले संशोधन बिल पास होने में विफलता की आशंका जताई है। मिलों के लिए जुर्माना लगाने का प्रस्ताव पिछले दो वर्षों से प्रांतीय सरकार के विचाराधीन है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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