नई दिल्ली: घरेलू बाजार में बिक्री की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के चलते चीनी निर्यात के लिए भारत के व्यापारी जोर दे रहे है। साथ ही ब्राजील और थाईलैंड द्वारा उत्पादन में गिरावट की चिंता और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण निर्यात के अवसर निर्माण हुए हैं। निर्यातकों को सरकार द्वारा निर्धारित 31 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) से 1-2 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय कच्ची चीनी वायदा कीमतों ने फरवरी में चार साल के उच्च स्तर को छू लिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिलों को कच्ची चीनी के लिए ‘एक्स-मिल’ 24.50-25 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं। 6 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी भी अलग से शामिल है, कच्ची चीनी के निर्यात की कीमत 32 रुपये प्रति किलोग्राम के बराबर है। भारत सरकार ने जनवरी में अपनी चीनी निर्यात नीति की घोषणा की थी, और छह मिलियन टन चीनी का निर्यात का लक्ष्य रखा है। सरकार ने मिल-वाइज निर्यात कोटा आवंटित किया है। भारतीय चीनी की अच्छी मांग है, लेकिन कंटेनरों की कमी ने इसके निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।