मांड्या: कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को मांड्या में किसान संरक्षण समिति में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, जिसमें मांग की गई कि कर्नाटक की ऐतिहासिक मैसूर शुगर कंपनी लिमिटेड फैक्ट्री का स्वामित्व सरकार बनाए रखे। उन्होंने कहा, कर्नाटक में कुल 65 चीनी मिली है, जिसमें मैसूर चीनी मिल राज्य की एकमात्र सरकारी स्वामित्व वाली चीनी मिल है। इसलिए, मैं मांग करता हूं कि मिल का निजीकरण किए बिना राज्य के कब्जे में रखा जाए। सिद्धारमैया ने कहा कि, मिल के नुकसान के लिए किसान नहीं बल्कि सरकार जिम्मेदार है और इसे पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, इतने सारे राज्य के स्वामित्व वाले कारखाने और कंपनियां अब नुकसान में हैं। सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि नुकसान का कारण क्या है और उन्हें पुनर्जीवित करना चाहिए। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की आलोचना करते हुए सिद्धारमैया ने पूछा कि अगर मैसूर और मांड्या में निजी चीनी मिलें मुनाफा कमा सकती हैं तो एक सरकारी मिल लाभ क्यों नहीं कमा सकता? येदियुरप्पा मांड्या जिले से हैं, मैंने सोचा था कि वह इस मिल को विकसित करेंगे। लेकिन अपने समय में उन्होंने निजीकरण पर काम शुरू किया।
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