पुणे : वर्तमान सीजन में गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ, लेकिन अभी यही रिकॉर्ड उत्पादन सरकार, चीनी मिलें और किसानों के सामने चुनौती बनकर खड़ा है। राज्य में अभी भी 15 लाख टन से ज्यादा गन्ना खेतों में खड़ा है, खासकर मराठवाडा इलाकें में यह समस्या गंभीर बनी हुई है। पश्चिमी महाराष्ट्र में पेराई सत्र लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन मराठवाडा इलाके में 30 से अधिक चीनी मिलें गन्ना शत प्रतिशत खत्म होने तक चालू रहेंगी। महाराष्ट्र के 10 जिलों में से जो इस साल अतिरिक्त गन्ना स्टॉक की सूची में शीर्ष पर हैं, सात मराठवाड़ा क्षेत्र से हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी महाराष्ट्र के अहमदनगर और मराठवाडा के जालना जिलों के कुछ हिस्सों में पेराई जून के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है। गन्ना कटाई जल्द से जल्द होने के लिए अब तक दूसरे राज्यों से 129 हार्वेस्टर लाये गये हैं और उनमें से अकेले जालना में 29 हार्वेस्टर काम कर रहे हैं।
राज्य ने 2020-21 में 11.42 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई की थी, लेकिन इस साल (2021-22) में यह आंकड़ा 2.25 लाख हेक्टेयर बढ़कर 13.67 लाख हेक्टेयर हो गया। पिछले साल गन्ने की पेराई की मात्रा 1,013.31 लाख टन थी, जबकि इस साल (16 मई तक) 287.31 लाख टन की वृद्धि के साथ 1,300.62 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी। राज्य में 30 से अधिक चीनी मिलें मई के अंत तक अपना परिचालन जारी रख सकती हैं। 15 मई तक, राज्य की कुल 199 चीनी मिलों में से, 126 मिलों ने सीजन के लिए अपना परिचालन बंद कर दिया है। 25 मई तक यह आंकड़ा 163 तक जा सकता है। शेष 36 चीनी मिलें गन्ने का स्टॉक खत्म होने तक काम करना जारी रख सकती हैं।